याद है,
छिटके तारों की छतरी वाले आसमाँ के नीचे,
अक्सर फोन पर बात करते हुए,
सितारों को जोड़कर जब एक दूसरे का नाम लिखा करते थे,
तुम कहतीं ,
मेरा नाम सितारों में जंचता है,
मैं कहता,
तुम्हारा नाम आसमाँ में सुन्दर दिखता है |
फिर एक रोज़ आसमाँ में बादल छा गए,
खूब बरसे पर छंटे नहीं |
और जब हटे तो साथ होने के सारे आसार साथ बहा ले गए |
कल रात मैं यूँ ही सय्यारों में भटक रहा था,
कुछ सितारों को मिलके अपना नाम बनाते देखा,
शायद तुमने फिर से याद किया होगा |
अब सितारों के जहाँ में मिलना ही हमारी किस्मत है !!!!
सितारों से आगे जहां और भी है..
जवाब देंहटाएंमिलना नसीब में होगा तो सितारे ज़मीं पर उतर आयेंगे....
जवाब देंहटाएंअनु
आपकी यह पोस्ट आज के (१२ जून, २०१३) ब्लॉग बुलेटिन - शहीद रेक्स पर प्रस्तुत की जा रही है | बधाई
जवाब देंहटाएंare waah
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